ब्लू टिक का जादू या नीला ज़हर ,आप बन रहे बेवकूफ
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – कुछ समय पहले तक अगर बात करे ट्वीटर की तो सभी को विश्वास था कि सोशल मीडिया साइट में इसका नाम काफी आगे था। और भारतीय राजनीत से लेकर बड़े बड़े उद्योगपति अपनी बाते कम शब्दों में लोगो तक पंहुचा देते थे। और उस समय ट्वीटर सिर्फ आप के अच्छे प्रोफाइल को लेकर उसे ब्लू टिक दे देता था , सब को लगता था कि ब्लू टिक वाला इंसान जेनुअन है। लेकिन जब से एलेन मस्क ने इसको ख़रीदा है तब से इसकी हालत धीरे धीरे नीचे आ रही है। अगर बात करे आज की तो आप का अकाउंट असली है या नकली आप हर महीने आईओएस उपयोगकर्ताओं के लिए ब्लू बैज की कीमत 900 रुपये प्रति माह और पूरे वर्ष के लिए 9,400 रुपये है। एंड्रॉइड उपयोगकर्ताओं के लिए, मासिक कीमत 900 रुपये है जबकि वार्षिक कीमत 9,400 रुपये है। वेब मासिक शुल्क 650 रुपये प्रति माह और वर्ष के लिए 6,800 रुपये है।
सब से बड़ी बात ये है कि आप असली है या नकली ये आप को हर महीने पैसे लेकर ट्वीटर बताएगा। आज सोशल मीडिया पर फेसबुक , इंस्टाग्राम , ट्वीटर , यूट्यूब , फेसबुक मैसेंजर , टेलीग्राफ जैसे कितने माध्यम है जिसके साथ करोडो लोग एक दूसरे से पुरे विश्व में जुड़े हुए है। ओर अब हमे इसकी बीमारी लग चुकी है , अगर व्हाट्सप , फेसबुक ,इंस्टाग्राम पर कोई नोटिफिकेशन ना आये या आप की पोस्ट पर कोई लाइक ना आये तो इंसान पागल सा हो जाता है। वो एक समय खाना भूल सकता है लेकिन अगर ये साइट बंद हो जाये तो उसको लगता है उसकी दुनिया ही उजड़ गई। आज हम अपनी इंडिया की सोशल साइट का इस्तेमाल ना करके , इनसभी विदेशी साइट पर जाकर पैसे खर्च करके सिर्फ ये बताना चाहते है कि आप आप हो। कुछ लोगो को उनके प्रोफाइल से खुद भी ब्लू टिक मिल भी जाता है। राजनेता और सरकारी पदों पर बैठे बड़े बड़े अधिकारियो को ब्लू टिक देना ट्वीटर की मजबूरी है।
अगर हम सूत्रों के माने तो लिस्ट में ट्विटर का नंबर टेलीग्राम और स्नैपचैट के भी बाद आया है। जबकि लिस्ट में फेसबुक पहले और यूट्यूब दूसरे नंबर पर है।
लोकप्रिय सोशल मीडिया साइट्स में मेटा ने मारी बाजी मार रखी है। 2023 तक दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय सोशल नेटवर्क, मासिक एक्टिव यूजर्स की संख्या के आधार पर मेटा के तीनों प्लेटफॉर्म टॉप-4 में शामिल है। दूसरे नंबर वाले यूट्यूब को छोड़ दिया जाए तो बाकी के सभी प्रमुख सोशल मीडिया साइट्स में मेटा का कब्जा है। लिस्ट के अनुसार, दुनियाभर में व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम के 200 करोड़ से ज्यादा मासिक एक्टिव यूजर्स हैं। सोशल मीडिया साइट्स मासिक एक्टिव यूजर्स में फेसबुक 295.8 करोड़ , यूट्यूब 251.4 करोड़ , व्हाट्सएप 200 करोड़ , इंस्टाग्राम – 200 करोड़ , वीचैट 130.9 करोड़ , फेसबुक मैसेंजर 93.1 करोड़ और ट्विटर के 55.6 करोड़ लगभग इतने यूजर्स है।
भारत में व्हाट्सएप के 53 करोड़, फेसबुक के 41 करोड़ से अधिक औऱ ट्विटर पर 1.75 करोड़, यूट्यूब पर 44.8 करोड़, इंस्टाग्राम पर 21 करोड़ यूजर्स हैं।
अगर 1 करोड़ लोग भी साल में 9400 या 6400 रूपये सिर्फ ब्लू टिक के लिए देते है तो देश का कितने करोड़ रूपये हम विदेशी कंपनी को देंगे आप इसका अंदाज लगा सकते है। अगर आप को अपनी पहचान साबित करने के लिए पैसा देना पड़े तो अच्छा है इस पहचान को कोई ना पहचाने। आप का अपना एक स्टेटस है जिसे कोई विदेशी पैसा लेकर बता रहा है कि आप कौन हो। पैसे के साथ साथ हम खुद अपनी जानकारी ट्वीटर , फेसबुक और इंस्टाग्राम को दे रहे है। सरकार आप का आधार कार्ड सिर्फ 50 से 100 रूपये में बना देती है और वो पूरी दुनिया में चलता है यहाँ हमे 6400 से लेकर 9400 रुपये हर साल देने है ब्लू टिक के लिए. अभी हॉल ही मैं एक फेक अकाउंट बना कर , एक महीने के पैसे ट्वीटर को देकर ब्लू टिक ले लिया और उस इंसान के नाम से झूठे ट्वीट किये।
आप खुद एक पहचान है क्यों की आप भारतीय है क्या अब आप की पहचान को सात समुन्दर पार बैठा करेगा क्या ? अब इंसान के स्टेटस की पहचान उसके सोशल मीडिया अकाउंट से करने लगे है हम। ये भी सच है कि इन सोशल मीडिया साइट से लोगो करोडो रूपये कमा भी रहे है जो की एक बहुत अच्छी बात है। पर हमे अपने देश की बनी सोशल साइट का भी इस्तेमाल करना चाहिए , हाल ही में कू एप्प और सोनू सूद ने भी अपनी सोशल साइट बनाई है पर वो उनका उतना प्रचार नहीं कर रहे क्यों की ये विदेशी कंपनी करने भी नहीं देगी। बाकी सभी कारोबार हमे एक दूसरे देश से करने चाहिए लेकिन सिर्फ अपने पहचान के लिए हज़ारो रूपये खर्च करना कितना सही है ये आप इस को पढ़ कर अपनी राय जरूर दे। काश जल्दी ही हमारे भारत की भी इतने बड़ी एप्प बने और भगवा रंग का टिक दुनिया हम से मांगे। आज हम कोई भी परमोशन एंड ब्लू टिक के लिए पैसा देते है तो हमारी साड़ी पर्सनल डिटेल्स इन कम्पनीज के पास चले जाती है और यही कारण है की आज दुनिया भर के साइबर फ्रॉड हो रहे है।
एडिटर इन चीफ