हमास और तालिबान जैसे आतंकियों का सबसे बड़ा समर्थक है कतर, भारत के पूर्व 8 नौसैनिकों को सुनाई मौत की सजा- डिजायर न्यूज़
हमास और तालिबान जैसे आतंकियों का सबसे बड़ा समर्थक है कतर, भारत के पूर्व 8 नौसैनिकों को सुनाई मौत की सजा- डिजायर न्यूज़
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – इजराइल कौन और फिलिस्तीन के युद्ध ने पूरे विश्व को हिला कर रख दिया है , विश्व दो हिस्सों में बट गया है अपनी अपनी जरूरतों के हिसाब से कौन किस के साथ खड़ा है अब सामने आ रहा है। हमास जैसे आतंकी सगठन को क़तर शुरू से सपोर्ट करता आया है , तालिबान जैसे आतंकी सगठन के साथ भी खड़ा रहा और बाद में अमरीका की तालिबान मध्यस्था में भी शामिल रहा। क़तर और भारत के रिश्ते हमेशा अच्छे रहे है लेकिन अभी हॉल ही में कतर की एक अदालत ने भारत के आठ पूर्व नौसैनिकों को फांसी की सजा सुनाई है। भारतीय नौसेना के ये पूर्व अधिकारी कतर की एक कंपनी अल-जाहिरा अल-आलमी कन्सलटेन्सी एंड सर्विसेज के लिए काम करते थे। यह कंपनी कतर की नौसेना को ट्रेनिंग और सामान मुहैया कराती है। कतर का दावा है कि इन अधिकारियों ने कुछ संवेदनशील जानकारी इजरायल को दी थी। हालांकि, कतर की तरफ से पूर्व भारतीय अधिकारियों पर लगे आरोपों को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
नौसैनिकों पर इजराइल के लिए जासूसी का आरोप
ये भारतीय एक साल से कतर की कैद में थे और भारत के कई अनुरोध को खारिज कर दिया गया था। अब कतर की अदालत के फैसले को भारत चुनौती देने जा रहा है। भारत सरकार अपने पूर्व नौसैनिकों को हर तरह की कानूनी सहायता देने का प्रयास कर रही है। ये फैसला ऐसे समय में आया है जब हमास और इजराइल आमने सामने युद्ध लड़ रहे है और इजराइल हमास के कई सो लोगो को मार चूका है। हर आतंकी सगंठन से कही ना कही क़तर का नाम जुड़ जाता है , अपनी आर्थिक मजबूत ताक़त के चलते क़तर किसी की परवाह नहीं करता।
क़तर के इस्लामिक देशो से रिश्ते
इस्लाम के नाम पर दुनिया के लगभग सभी आतंकवादी समूहों को धन मुहैया कराता है। यह दूसरे मुस्लिम देशों के विपरीत आतंकवादी समूहों में शिया या सुन्नी का भी भेदभाव नहीं करता है। कतर से दान पाने की योग्यता सिर्फ मुस्लिम होना और आतंकवादी कार्यों में महारत रखना है। अमरीका का मिलिट्री बेस वहां है इसका फायदा उठा कर वो अपनी दादागिरी दिखाता रहता है।
क़तर के आतंकवादी संगठनों से रिश्ते
कतर पूरी दुनिया में आतंकवाद का सबसे बड़ा समर्थक देश है। इसके संबंध हमास, तालिबान, इस्लामिक स्टेट, अल कायदा, हिज्बुल्लाह, मुस्लिम ब्रदरहुड, अल नुसरा फ्रंट समेत कई अन्य आतंकवादी समूहों के साथ हैं। कतर पर इन आतंकवादी समूहों की फंडिंग करने और पनाह देने के आरोप भी लगे हैं। इसके बावजूद कतर अपनी अमीरी के घमंड में इस्लाम की आड़ में आतंकवादी एजेंडे को चलाने से बाज नहीं आता है। 2014 में कतर पर आईएसआईएस को फंडिंग करने, 2020 में हिजबुल्लाह की आर्थिक मदद करने के आरोप लग चुके हैं। तालिबान के साथ भी कतर के रिश्ते जगजाहिर हैं। 2020 में अमेरिका और तालिबान के बीच डील कराने में कतर ने बड़ी भूमिका निभाई थी।
कतर के अमरीका से रिश्ते
कतर के पास दुनिया का सबसे बड़ा गैस भंडार है। कतर अपने गैस को एक राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करता है। कतर में अमेरिका का मिलिट्री बेस भी है। इस कारण अमेरिका चाहकर भी कतर का खुलकर विरोध नहीं कर पाता। अगर कोई देश विरोध करता भी है तो उसे अमेरिका अपने ताकत के दम पर चुप करा देता है।
क़तर के भारत से रिश्ते
कतर और भारत के रिश्ते काफी अच्छे हैं। भारत अपनी कुल आवश्यकता का 90 फीसदी गैस कतर से आयात करता है। इसके अलावा कतर की कुल 25 लाख की आबादी में 6.5 लाख भारतीय हैं। ये भारतीय कतर में काम करते हुए अपने देश को भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा भेजते हैं। यह पैसा भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में अहम योगदान देता है। भारत का दोहा में एक दूतावास है,
कतर खुद को मुस्लिम देशों का आका
कतर खुद को मुस्लिम देशों का आका मानता है। इस कारण उसकी सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से भी अच्छे संबंध नहीं है। कतर पूरी दुनिया में आतंकवाद का सबसे बड़ा समर्थक भी है, लेकिन कोई भी देश उसके खिलाफ एक आवाज भी नहीं उठाता।
भारतीय विदेश मंत्रालय
भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा, ‘हम इस मौत की सजा के फैसले से बहुत हैरान हैं और विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हम इन पूर्व नौसैनिकों के परिवार वालों और कानूनी टीम के साथ संपर्क में हैं। हम सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। भारत ने कहा कि हम इस मामले को बहुत महत्व देते हैं और करीबी नजर बनाए हुए हैं। हम सभी तरह की काउंसलर और कानूनी सहायता मुहैया कराते रहेंगे। हम इस पूरे मामले को कतर की सरकार से उठाते रहेंगे। इससे पहले कतर में भारत के राजदूत ने जेल में इन पूर्व नौसैनिकों से मुलाकात की थी। कतर ने इनके लिए काउंसलर एक्सेस मुहैया कराया था। कतर ने कभी भी भारतीयों के खिलाफ लगाए गए आरोप का डिटेल नहीं दिया है।
अपराध सूचकांक 2023 के अनुसार
अपराध सूचकांक 2023 के अनुसार, कतर ने दुनिया में सबसे सुरक्षित देश के रूप में अपना शासन जारी रखा है। 2019 में जापान से नंबर एक स्थान हासिल करने के बाद कतर ने पिछले पांच वर्षों में सूचकांक में शीर्ष स्थान हासिल किया है। कतर की अर्थव्यवस्था. कतर की आर्थिक समृद्धि पेट्रोलियम के निष्कर्षण और निर्यात से आती है – जिसे 1939 में खोजा गया और पहली बार 1949 में उत्पादित किया गया. प्राकृतिक गैस इसकी आर्थिक छमता है। कतर में लगभग 15.1 फीसदी जनसंख्या हिंदूओं की हैं। फोर्ब्स मैगजीन ने दुनिया के सबसे अमीर देशों की नई सूची तैयार की है। इसमें 17 लाख आबादी वाले कतर को दुनिया का सबसे अमीर मुल्क बताया गया है। कतर के पास पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस का दुनिया का सबसे बड़ा भंडार है और इसकी उत्पादन प्रक्रिया में बड़ी संख्या में विदेशी कर्मचारी कार्यरत हैं। अपनी तेल संपदा के कारण, देश के निवासी उच्च जीवन स्तर और सामाजिक सेवाओं की एक अच्छी तरह से स्थापित प्रणाली का आनंद लेते हैं।
क़तर दुनिया के मानचित्र पर आकार में बहुत छोटा सा देश है, जिसका क्षेत्रफल महज 11,437 वर्ग किलोमीटर है जबकि आबादी केवल 25 लाख. इनमें भी 90 फ़ीसदी प्रवासी हैं। ईरान और रूस के बाद क़तर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस भंडार वाला देश है. इसके साथ ही पेट्रोलियम का भी विशाल भंडार है. न्यूयॉर्क के ऐम्पायर स्टेट बिल्डिंग, लंदन के सबसे ऊंचा टावर द शार्ड, ऊबर और लंदन के डिपार्टमेंट्ल स्टोर हैरेड्स में क़तर के सुल्तान की बड़ी हिस्सेदारी है. इसके अलावा दुनिया की कई बड़ी कंपनियों में क़तर की हिस्सेदारी है.
संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ