जया प्रदा को मद्रास हाई कोर्ट से झटका , 6 महीने की सजा में अभी राहत नहीं – डिजायर न्यूज़

जया प्रदा को मद्रास हाई कोर्ट से झटका , 6 महीने की सजा में अभी राहत नहीं – डिजायर न्यूज़

डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – बॉलीवुड की अदाकारा और रामपुर से दो दफ़ा की सांसद जया प्रदा की मुशिकल कम होने की बजाये आये दिन बढ़ रही है। अभी हाल ही में चेन्नई की एक अदालत ने उन्हे और उनके भाई राजा के साथ एक अन्य को कर्मचारी राज्य बीमा निगम की राशि जमा ना कराने को लेकर 6 महीने की सज़ा सुनाई थी , जिसकी अपील में ये सब लोग मद्रास हाई कोर्ट गए थे लेकिन कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कोई भी रिलीफ देने से इंकार कर दिया और हिदायत दी कि 15 दिन में 20 लाख रूपये जमा कराये और निचली अदालत को रिपोर्ट करे।

jaya_prada_theatre
jaya_prada_theatre

मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जया प्रदा को दी गई 6 माह की कैद की सजा को रद्द करने से मना कर दिया और अदाकारा को जमानत पाने के लिए निचली अदालत में शारीरिक उपस्थिति के साथ 20 लाख का भुगतान करने की हिदायत जारी की.

अभी हॉल ही में रामपुर उत्तरप्रदेश से दो दफ़ा की सांसद डॉ जयाप्रदा के खिलाफ रामपुर की स्पेशल एमपी-एमपीएल कोर्ट ने तब गैर जमानती वार्रेंट जारी किया जब वो पेशी के दौरान कोर्ट में उपस्थित नहीं रही। पहले भी कोर्ट ने उन्हे जमानती वार्रेंट भेजा था पर वो नहीं आई , अब फिर से एक दफा कोर्ट ने उन्हे 21 अक्टूबर को हाज़िर होकर अपने बयान दर्ज़ करवाने है। जयाप्रदा की मुश्किले कम होने का नाम ही नहीं ले रही अभी कुछ समय पहले एक केस में उन्हे 6 महीने की सजा भी सुना दी थी।

उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले की पूर्व सांसद और फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. सोमवार को रामपुर कोर्ट ने गैर जमानती वारंट तब जारी किया जब पूर्व सांसद जया प्रदा कोर्ट में पेश नहीं हुईं. अब इस मामले में 21 अक्टूबर को अगली सुनवाई होनी है, इसमें पूर्व सांसद को पेश होना है. यह पूरा मामला साल 2019 का है, तब 19 अप्रैल को रामपुर के स्वार थाना क्षेत्र के गांव नूरपुर में जया प्रदा पहुंची थीं. इस दौरान लोकसभा चुनाव के चलते आदर्श चुनाव आचार संहिता लगी हुई थी. हालांकि जया प्रदा ने एक सड़क का उद्घाटन कर दिया था, इस पूरे मामले का वीडियो वायरल हुआ था. वायरल वीडियो के आधार पर उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का केस दर्ज किया गया था.

Madras High Court- Dzire News
Madras High Court- Dzire News

बॉलीवुड एक्ट्रेस और पूर्व सांसद जया प्रदा की मुश्किल बढ़ गई है. मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जयाप्रदा को दी गई 6 माह की कैद की सजा को रद्द करने से मना कर दिया और अदाकारा को जमानत पाने के लिए निचली अदालत में शारीरिक उपस्थिति के साथ 20 लाख रुपये का भुगतान करने की हिदायत जारी की. कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) ने थिएटर कर्मचारियों की सैलरी से काटे गए ईएसआई योगदान को जमा न करने के लिए जयाप्रदा और चेन्नई के जनरल पैटर्स रोड पर बंद हो चुके जयाप्रदा थिएटर के दूसरे हिस्सेदारों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. मद्रास हाईकोर्ट ने जयाप्रदा और दो अन्य को उनके स्वामित्व वाले एक सिनेमाघर के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम का 18 साल से ज्यादा समय तक बकाया अदा नहीं करने के मामले में छह महीने की सजा को निलंबित करने की मांग वाली अर्जी खारिज कर दीं. हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उन याचिकाओं को रद्द कर दिया, जिसमें चीफ सेशन जज के आदेश को चुनौती दी गई थी. प्रधान सत्र न्यायाधीश ने अदाकारा और उनके साथियों को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को रद्द करने से इनकार कर दिया था.

cinema-hall-of-jaya-prada-and-associates-Dzire-News
cinema-hall-of-jaya-prada-and-associates-Dzire-News

ये अर्जियां जयाप्रदा सिनेमा थिएटर की तरफ से दायर की गई थीं. जस्टिस जी जयचंद्रन ने कहा कि यह पाया गया कि याचिकाकर्ता साझेदारी फर्म ने कर्मचारी का योगदान एकत्र किया, लेकिन अपने योगदान के साथ जमा नहीं किया. यह चूक लगातार की गई और किसी न किसी तरीके से याचिकाकर्ता मुकदमे को तकरीबन 18 बरसों तक लटकाने में कामयाब रहा. जस्टिस ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने कानूनी अमल के प्रति जो अनादर का भाव दिखाया उसे भी निचली अदालत ने अपने फैसले में दर्ज किया.

Jaya-Prada-Ex-MP-Rampur-Dzire-News-
Jaya-Prada-Ex-MP-Rampur-Dzire-News-

मद्रास हाईकोर्ट ने 20 लाख जमा करने का आदेश दिया
जस्टिस जी जयचंद्रन ने कहा कि अपीली अदालत ने उन अभियुक्तों की सजा को निलंबित करने की अर्जी को खारिज कर सही किया था, जो फैसले की तारीख पर निचली अदालत के सामने पेश नहीं हुए थे और अपीली अदालत के सामने सरेंडर भी नहीं किया था, जब सजा के निलंबन की अपील पर सुनवाई की गई. जस्टिस ने कहा कि मामले का ट्रैक रिकॉर्ड उक्त आदेश को सही ठहराता है. इसलिए, ये मूल याचिकाएं खारिज की जाती हैं. न्यायाधीश ने कहा कि सजा को रद्द करने की अपील वाली किसी भी अर्जी पर उस वक्त ही गौर किया जाएगा, जब 15 दिनों के अंदर 20 लाख रुपये जमा किए जाएंगे.

संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ

Leave A Reply

Your email address will not be published.